Vitamin E एक फैट (Fat) में घुलनशील पोषक तत्व है, जो हमारे शरीर के लिए बहुत तरह से फायदेमंद होता है। विटमैन ई टोकोफेरोल (Tocopherol) नाम से भी जाना जाता है। यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो कोशिकाओं को हानिकारक फ्री रेडिकल्स और हानिकारक पदार्थों से बचाता है। तथा यह त्वचा और आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।
विटामिन ई की कमी
हमारे शरीर में विटामिन की कमी से बहुत से समस्याएँ उत्पन्न हो सकती है। अलग-अलग विटामिन के तरह-तरह के समस्याएँ देखने को मिल सकता है, लेकिन यहाँ हमलोग जानेंगे विटामिन ई के कमी के कारण क्या हो सकता है। आमतौर पर विटमैन ई की कमी वयस्कों में कम ही देखी जाती हैं क्योंकि शरीर वसा ऊतकों में विटामिन ई का भंडारण कर सकता है। लेकिन कुछ मामलों में, जैसे कि गंभीर वसा malabsorption वाले लोगों में, यह कमी हो सकती है।
इम्यून सिस्टम कमजोर होना
विटामिन ई की कमी से शरीर में इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है, जिसमें शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और व्यक्ति की शरीर में रोगों और संक्रमणों के खिलाफ लड़ने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे शरीर आसानी से बीमार हो जाता है। आयु बढ़ने के साथ-साथ इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाये रखने के लिए विटामिन ई की जरूरत पढ़ती है।
त्वचा संबंधी समस्याएं
विटामिन ई के कारण त्वचा से संबंधी समस्याएँ हो सकती है, अगर आप इसे सही तरह से ध्यान नहीं देते है तब। जैसे- ड्राई स्किन, झुर्रियां, घावों की धीमी भराई, और जख्मों पर आसानी से निशान पड़ना। यह त्वचा के ऊपरी सतह को healthy और चमकदार बनाए रखने में मदद करता है।
आंखों की समस्या
विटामिन ई की कारण आँखों की रोशनी जा सकती हैं। आँखों से संबंधी बीमारियाँ जैसे- रतौंधी और मोतियाबिंद का खतरा बढ़ जाना। आँखों की देखभाल के लिए विटामिन ई जरुरी है। अगर आँखों से संबंधी कुछ भी दिक्कत हो रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
मांसपेशियों की समस्याएं
मांसपेशियों में कमजोरी, थकान जैसी समस्या हो सकती है। इसलिए विटामिन ई बैलेंस बनाकर रखें।
विटामिन ई की स्रोत क्या है और इसकी कमी को कैसे दूर करे?
Vitamin E की स्रोत
- वनस्पति तेल
- सूरजमुखी
- मकई का तेल
- सोयाबीन
- फल
- पपीता
- कीवी
- आम
- मेवे और बीज
- अखरोट
- बादाम
- सूरजमुखी के बीज
- हरी पत्तेदार सब्जियां
- ब्रोकोली
- पालक
विटामिन ई कमी को कैसे दूर करे?
उपरोक्त में दी हुई स्रोतों से विटामिन ई की कमी को दूर किया जा सकता है। अगर आपको लगता है की दी हुई स्रोतों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं, तो इसके अलावा आप अपनी डाइट में इसके विटामिन ई की सप्लीमेंट भी ले सकते है लेकिन ध्यान रहें की सबसे पहले आपको डॉक्टर से संपर्क करने के बाद ही सप्लीमेंट लें।
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सप्लीमेंट
विटामिन ई का सप्लीमेंट यह उन लोगों के लिए जरूरत पड़ती है जो अपने आहार से पर्याप्त विटामिन ई प्राप्त नहीं कर पाते हैं या जिन्हें चिकित्सीय कारणों से इसकी आवश्यकता होती है। अपने आहार से विटामिन ई जरूरत के हिसाब से नहीं मिल रहा है तो सप्लीमेंट से इसे प्राप्त कर सकते है। सप्लीमेंट के रूप आप कैप्सूल और टैबलेट ले सकते है।
निष्कर्ष
विटामिन ई एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो बहुत से लाभ प्रदान करता है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, त्वचा और आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। मांसपेशियों की समस्याएं को दूर करने में मदद है।
FAQs
विटामिन ई के रासायनिक नाम क्या है?
विटामिन E का रासायनिक नाम टोकोफेराल (Tokoferal) है।
विटामिन ई क्या है?
यह एक एंटीऑक्सीडेंट है जो कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है।
विटामिन ई के क्या फायदे हैं?
इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है। मांसपेशियों की समस्याएं, आंखों की समस्याएं और त्वचा संबंधी समस्याएँ को स्वास्थ्य रखने में मदद करता है।
विटामिन ई की कमी के लक्षण क्या हैं?
इम्यून सिस्टम को कमजोर हो जाना।, त्वचा से संबंधी समस्याएँ उतपन्न होना जैसे- ड्राई स्किन, झुर्रियां, घावों की धीमी भराई, और जख्मों पर आसानी से निशान पड़ना।
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