भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित सीमित व्यापार समझौते (Limited Trade Deal) को लेकर वार्ताओं का आख़िरी दौर शुरू हो गया है। दोनों देशों के वाणिज्य अधिकारियों और व्यापार प्रतिनिधियों के बीच यह बैठक 9 जुलाई की तय समय-सीमा से पहले हो रही है। जानकारों का मानना है कि आगामी 24-48 घंटों में एक बड़ी घोषणा हो सकती है।
यह व्यापार समझौता विशेष रूप से कृषि, डेयरी, फार्मास्यूटिकल्स, और आईटी सेवाओं से संबंधित शुल्क और नियामक बाधाओं को कम करने पर केंद्रित है। इस समझौते से भारतीय निर्यातकों और अमेरिकी निवेशकों दोनों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
क्या शामिल हो सकता है समझौते में?
- अमेरिकी अखरोट और बादाम पर कम टैरिफ
- भारतीय टेक कंपनियों को अमेरिकी वीज़ा नीति में राहत
- भारतीय फार्मा उत्पादों पर FDA नियमों में लचीलापन
- अमेरिकी डेयरी उत्पादों को भारत में सीमित एक्सेस
भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा,
हमारे रिश्ते रणनीतिक हैं और यह व्यापार समझौता हमारे आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाई देगा। हम संतुलित और पारस्परिक लाभ वाला समझौता चाहते हैं।
भारत और अमेरिका के बीच यह व्यापार समझौता ट्रंप सरकार के समय से रुका हुआ था। अब बाइडेन प्रशासन के साथ भारत फिर से नई शर्तों पर बात कर रहा है। यह वार्ता विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के अंतर्गत की जा रही है।