विश्वकर्मा पूजा 2025: पूरे देश में विश्वकर्मा पूजा श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई जा रही है। यह पर्व भगवान विश्वकर्मा को समर्पित है, जिन्हें निर्माण, कला और शिल्प का दिव्य शिल्पी माना जाता है। इस दिन कारखानों, कार्यशालाओं, दुकानों और वाहनों में औज़ारों और मशीनों का विशेष पूजन किया जाता है।
शुभ तिथि व मुहूर्त
इस वर्ष विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर, बुधवार को मनाई जा रही है। पूजा का संक्रांति क्षण रात 1:55 बजे का बताया गया है। अलग-अलग क्षेत्रों में स्थानीय परंपराओं के अनुसार सुबह या संध्या का समय चुना जा रहा है।
मुख्य रीत-रिवाज
- कार्यस्थल, फैक्ट्री और वर्कशॉप की सफाई और सजावट।
- उपकरण, मशीनें और वाहन को फूल, हल्दी-केशर व चंदन से सजाकर पूजन।
- कर्मचारियों और कारीगरों का सामूहिक आरती व प्रसाद वितरण।
- नई मशीनों या उपकरणों का शुभारंभ।
सावधानियाँ
- पूजा से पहले मशीनों को बंद रखें और बिजली सप्लाई सुरक्षित करें।
- अगरबत्ती या दीपक जलाते समय अग्नि सुरक्षा का ध्यान रखें।
- पूजा सामग्री शुद्ध और स्वच्छ होनी चाहिए।
उत्सव का महत्व
विश्वकर्मा पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह कारीगरों, तकनीशियनों और श्रमिकों के कौशल का सम्मान है। यह पर्व हमें याद दिलाता है कि उपकरणों और श्रम का संरक्षण हमारे सामाजिक और आर्थिक जीवन के लिए बेहद आवश्यक है।