भारत सरकार ने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए जीएसटी 2.0 का ऐलान किया है। नए ढांचे के तहत अब केवल दो सामान्य स्लैब—5% और 18%— रहेंगे। इसके अलावा एक 40% का विशेष स्लैब उन उत्पादों के लिए तय किया गया है जिन्हें “विलासिता या हानिकारक वस्तुएँ” माना जाता है।
नया ढांचा क्या है?
- पहले जीएसटी चार दरों (5%, 12%, 18% और 28%) में बंटा हुआ था।
- अब 12% और 28% दर को खत्म कर दिया गया है।
- दैनिक उपयोग की वस्तुएँ जैसे टूथपेस्ट, साबुन, पैकेज्ड फूड अब 5% दर पर आएंगी।
- इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू उपकरण (टीवी, एसी, वॉशिंग मशीन आदि) पर कर घटकर 18% होगा।
- तंबाकू, पान मसाला, लग्ज़री कारें जैसी चीज़ें 40% स्लैब में रहेंगी।
स्वास्थ्य और बीमा पर बड़ी राहत
- जीवन और स्वास्थ्य बीमा को पूरी तरह जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है।
- 33 जीवनरक्षक दवाओं और कैंसर व दुर्लभ रोगों की कुछ दवाओं पर भी टैक्स हटा दिया गया है।
कब से लागू होगा?
सरकार ने घोषणा की है कि नया जीएसटी ढांचा 22 सितंबर 2025 से पूरे देश में लागू होगा। यह तारीख इसलिए चुनी गई है क्योंकि त्योहारी सीज़न शुरू होने से पहले उपभोक्ताओं को सीधी राहत मिल सके।
अर्थव्यवस्था पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी 2.0 से:
- घरेलू खपत बढ़ेगी,
- कारोबारियों के लिए टैक्स अनुपालन आसान होगा,
- और मध्यम वर्ग को सीधी बचत का लाभ मिलेगा।
हालाँकि, 40% स्लैब में आने वाले उद्योगों (जैसे तंबाकू और पान मसाला) पर असर नकारात्मक होगा।
सरकार की सोच
वित्त मंत्रालय का कहना है कि कम दरों से उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा, जिससे राजस्व में शुरुआती कमी के बावजूद दीर्घकाल में अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
निष्कर्ष
जीएसटी 2.0 भारत के टैक्स सिस्टम में अब तक का सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है। जहाँ आम जनता को रोज़मर्रा की चीज़ों और बीमा जैसी सेवाओं में राहत मिलेगी, वहीं महंगी और स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाने वाली वस्तुओं पर कर और कड़ा हो जाएगा।
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